अब आके रसा पै खुद को लुटा दे। तेरे बिना बागों की छाँव छुप गयी है।। अब आके रसा पै खुद को लुटा दे। तेरे बिना बागों की छाँव छुप गयी है।।
मुझे मिलने तू आजा किसी बहाने से तू आजा तेरी राह निहारूँ तू आजा मुझे मिलने तू आजा किसी बहाने से तू आजा तेरी राह निहारूँ तू आजा
खड़ी हूँ वहीं, खड़ी रहूँगी, खड़ी हूँ वहीं, खड़ी रहूँगी,
सुनता था मोहब्बत में होता है सब जायज... सुनता था मोहब्बत में होता है सब जायज...
तन्हाई में, घुट-घुट कर आँसू बहाया होगा ! तन्हाई में, घुट-घुट कर आँसू बहाया होगा !
नादानी ही हो गई तो अब गम है तो क्या। नादानी ही हो गई तो अब गम है तो क्या।